प्रथम सौ हजार अभाज्य संख्याएँ
David E Mcadams
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अभाज्य संख्या एक से बड़ी कोई भी पूर्णांक होती है, जिसके कारक के रूप में केवल स्वयं और एक ही होता है। उदाहरण के लिए, 5 अभाज्य है क्योंकि इसमें 2, 3 या 4 कारक नहीं होते हैं। 1 और 5 ही 5 के एकमात्र कारक हैं।
प्राचीन काल से ही अभाज्य संख्याओं का अध्ययन किया जाता रहा है। साइरेन के एराटोस्थनीज लगभग 276 ईसा पूर्व से 194 ईसा पूर्व तक रहे। उन्होंने अभाज्य संख्याएँ खोजने की एक विधि विकसित की जिसे आज भी पढ़ाया जाता है। इसे एराटोस्थनीज की छलनी कहा जाता है।
अभाज्य संख्याएँ आज भी गणितज्ञों को आकर्षित करती हैं। अभाज्य संख्याओं का उपयोग संख्या सिद्धांत और क्रिप्टोग्राफी में किया जाता है।
- Format: Pocket/Paperback
- ISBN: 9781632705686
- Språk: Hindi
- Antal sidor: 270
- Utgivningsdatum: 2024-09-06
- Förlag: Life Is a Story Problem LLC