bokomslag सोच बदलो ज़िंदगी ख़ुद बदल जाएगी
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सोच बदलो ज़िंदगी ख़ुद बदल जाएगी

गुरमीत

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  • 126 sidor
  • 2022
लेखिका के शब्दों में अपने लेखों द्वारा अपनी बात को लोगों तक पहुंचाया जाए ताकि वो उनके दिलों को छू जाए तो लेखन की सार्थकता है । आज के कठिन समय जब महारी ने समस्त विश्व को जकड़ा हो लिखना आसान नहीं था। लेकिन नकारात्मक स्थितियों में यदि हमारा लेखन समाज में सकारत्मकता प्रदान करे तो जरूर लिखना चाहिए। जब समाज में ऐसी हवा चल रही हो कि हर व्यक्ति किसी न किसी मुश्किल या तकलीफ से घिरा हो, और आप चाह कर भी उसकी मदद के लिए उस तक नही पहुँच पा रहे हों, ऐसे कठिन वक़्त में आपके कहे कुछ प्रेम भरे और सांत्वना भरे शब्द उसे उस दुःख से उभरने में सहायक होते हैं। एक ऐसी ही सोच से मैंने लिखना आरंभ किया था। जी हाँ, लॉकडॉन का वो अत्यंत कठिन समय जब हर कोई अपने अपने घरों तक सिमीत हो गया था उस वक़्त डिप्रेशन का माहौल था। उस
  • Författare: गुरमीत
  • Format: Pocket/Paperback
  • ISBN: 9789390889747
  • Språk: Engelska
  • Antal sidor: 126
  • Utgivningsdatum: 2022-01-01
  • Förlag: Prakhar Goonj