Skönlitteratur
Bharat Mein Videshi Log Evam Videshi Bhashayen
Shreesh Chaudhary • Tr Ramanjaney Kumar Upadhyay
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भारत की प्राकृतिक सम्पदा, ज्ञान-विज्ञान, कला एवं शिल्प ने हजारों वर्षों से विदेशियों को आकर्षित किया है। यहाँ की वाणिज्यिक एवं सांस्कृतिक परम्परा के कारण यहाँ पर अरबी, बैक्ट्रियन, चीनी, डच, अंग्रेजी, फ्रेंच, यूनानी, हिब्रू, लैटिन, फारसी, पुर्तगाली, तुर्की तथा अन्य भाषाएँ बोली एवं सुनी गईं। संस्कृत आम-लोगों की भाषा भले ही न रही हो, परन्तु इसका इस उपमहाद्वीप की हजारों भाषाओं के साथ शाब्दिक आदान-प्रदान रहा है। कालक्रम से ये सभी भाषाएँ एक समय में लोकप्रियता एवं सत्ता के शिखर तक पहुँचीं और फिर किसी अन्य भाषा के लिए स्थान खाली कर हट गईं। इस प्रक्रिया में इन भाषाओं का अनेक देशज भाषाओं के साथ सम्पर्क हुआ तथा शब्दों एवं अभिव्यक्तियों का आदान-प्रदान हुआ। समय-समय पर नई भाषाओं का जन्म तथा पुरानी
- Format: Inbunden
- ISBN: 9788126729593
- Språk: Engelska
- Antal sidor: 490
- Utgivningsdatum: 2018-01-01
- Förlag: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd