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रेलवे के साथ काम कर चुके उच्च विचारों वाले जिज्ञासु सुनील गुप्ता ने जब तिहाड़ में नई जिम्मेदारी सँभाली तब एक परिचित व्यक्ति उनकी मदद कर रहा था। वहाँ से जाते समय उन्हें यह एहसास हुआ कि वह बेहद शातिर अपराधी और विकृत मानसिकता वाला चार्ल्स शोभराज था, जो उस जेल का स्टार था, जहाँ धोखेबाजों की तूती बोलती थी। गुप्ता भी एक तरह से उम्र कैदी थे, जिन्होंने एक ऐसी जगह में तीन दशक से ज्यादा समय बिताया। जहाँ पिटाई करना ही रोजी-रोटी थी और अधिकार माँगनेवाले पीड़ितों की हड़ताल नाश्ते की तरह थी। यह पुस्तक कई खुलासे करती है, बताती है कि एशिया की सबसे बड़ी जेल के भीतर जीवन कैसा है ? क्या होता है जब किसी को फाँसी दे दी जाती है, मगर दो घंटे बाद भी उसकी नब्ज थमती नहीं ? क्या निर्भया के बलात्कारी राम सिंह ने खुदकुशी
- Format: Inbunden
- ISBN: 9789355620255
- Språk: Engelska
- Antal sidor: 240
- Utgivningsdatum: 2022-12-01
- Förlag: Prabhat Prakashan