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जेंडरगत मानसिकता से ग्रस्त नागरिकों के निर्माण और पुनर्निर्माण में धर्म की भूमिका से संबंधित अध्ययन की ज़रूरत सिर्फ यह मान लेने के चलते ही नहीं है कि धर्म रोज़मर्रा के हमारे जीवन के संरचनात्मक ढाँचे में रची-बसी एक प्रभावशाली संस्था है, बल्कि अब यह ज़रूरत इसलिए और ज़्यादा है क्योंकि वर्तमान राजनीतिक संदर्भ में हमारी अस्मिताओं को लामबंद करने या मज़बूत बनाने में भी यह प्रभावी भूमिका निभा रहा है।यह संचयन दो भागों में विभाजित है। पहले भाग के अंतर्गत दस आलेखों का संकलन है जो भारत, पाकिस्तान और चीन से संबंधित हैं। इन आलेखों को तीन विषयवस्तुओं के तहत बाँटा गया है। पहली विषयवस्तु में शामिल तीन आलेख जाति और धर्म के बीच अंतर्संवाद और उसके जेंडरगत परिणामों के बारे में सैद्धांतिक
- Format: Inbunden
- ISBN: 9788126730193
- Språk: Engelska
- Antal sidor: 232
- Utgivningsdatum: 2018-01-01
- Förlag: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd