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धीरा खंडेलवाल की काव्य रचना का झुकाव छायावाद की ओर है। उनकी कविताएँ सहज ग्राह्य और सरल शब्दों के साथ सटीकता से अपने भावों का संप्रेषण करती हुई पाठक को चमत्कृत कर देती हैं। उनकी कविताओं में मन के कोमल भाव हैं, जग की वेदना है और बेचैनी है। धीरा खंडेलवाल छोटे-छोटे वाक्यों में गंभीर भाव भरने में दक्ष हैं। संगीतात्मकता और लय पर आधारित उनकी शैली अत्यंत सरस और मधुर है। उनकी कविताओं में आत्म आनंद के साथ-साथ जीवन और जगत् की सच्चाई का पुट भी रहता है। लेकिन धीरा खंडेलवाल की अधिकांश कविताओं में आत्म-स्पंदन हैं, आत्मा से संलाप और स्मृतियों का आत्मा में ही लय है। इसलिए इनमें न तो दुनियावी छल-बल की आपाधापी है और न ही देश-काल की वे आहटें हैं, जो सत्ताओं से लोक को मिलती हैं। उनकी कविताएँ आज भगदड़ में
- Format: Inbunden
- ISBN: 9789390923144
- Språk: Engelska
- Antal sidor: 104
- Utgivningsdatum: 2022-12-01
- Förlag: Prabhat Prakashan