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"मेरी आँखों में जागती हैं/ किसी की उम्मीदें / किसी की राहतें / आँखों में सो जाती हैं"। ये पंक्तियाँ लिखने वाले सतीश देशपाण्डे 'निर्विकल्प' जी का यह पहला काव्य संग्रह है। इसमें कविताएँ, हाइकु और क्षणिकाएँ संग्रहित हैं। सतीश जी के पास सहज, सरल और अपनी खुद की एक भाषा है। वे अपनी कविताओं के लिए अपने अनुभव संसार से विषय चुनते हैं, और उस विषय के साथ पूरी तरह से न्याय करते हुए, सहज और सुंदर भाषा के साथ कविता पूर्ण करते हैं। सतीश जी की माँ भी कविताएँ लिखती थीं, वहीं से इन्हें कविता लिखने की प्रेरणा मिली। अपनी भूमिका में सतीश जी बहुत अच्छी बात कहते हैं कि एक कवि के लिए मंच के पहले नेपथ्य ज़रूरी है। उन्होंने कविता संग्रह लाने के पहले कुछ संस्थाओं का संचालन किया और अनेक लोगों को इसमें सहभागी बनाया ताकि
- Format: Inbunden
- ISBN: 9789394780774
- Språk: Hindi
- Antal sidor: 154
- Utgivningsdatum: 2022-09-28
- Förlag: Prabhakar Prakashan Private Limited