bokomslag Prem Lahari
Skönlitteratur

Prem Lahari

Trilok Nath Pandey

Inbunden

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  • 182 sidor
  • 2018
प्रेमलहरी' इतिहास के बड़े चौखटे में कल्पना और जनश्रुतियों के धागों से बुनी हुई प्रेमकथा है। यह इतिहास नहीं है, न ही इसका वर्णन किसी इतिहास पुस्तक में मिलता है। लेकिन जनश्रुति में इस कथा के अलग-अलग हिस्से या अलग-अलग संस्करण अकसर सुने जाते हैं। इस प्रेम-आख्यान के नायक-नायिका हैं शाहजहाँ के राजकवि और दारा शिकोह के गुरु पंडितराज जगन्नाथ और मुगल शाहज़ादी गौहरआरा उर्फ लवंगी। मध्यकालीन इतिहास में हिन्दू-मुस्लिम प्रेम-आख्यान तो कई मिलते हैं, लेकिन किसी शाहज़ादी की किसी ब्राह्मण आचार्य और कवि से यह अकेली प्रेम कहानी है जो मुगल दरबार की दुरभिसन्धियों के बीच आकार लेती है। 'गंगालहरी' खुद पंडितराज जगन्नाथ का अद्भुत संस्कृत काव्य है जिसमें कहीं-कहीं खुद उनके प्रेम की व्यंजना निहित है।
  • Författare: Trilok Nath Pandey
  • Format: Inbunden
  • ISBN: 9789388183048
  • Språk: Engelska
  • Antal sidor: 182
  • Utgivningsdatum: 2018-11-01
  • Förlag: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd