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प्रेमचंद की रचनाओं में उत्प्रेरक शक्ति निहित है। उनकी कहानियाँ पाठकों को सामाजिक असमानताओं के प्रति जागरूक करती हैं, उन्हें अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का अहसास कराती हैं और व्यक्तिगत एवं सामाजिक सुधार की दिशा में प्रेरित करती हैं। इस पुस्तक के माध्यम से पाठक प्रेमचंद के सामाजिक दृष्टिकोण को गहराई से समझ सकते हैं, उनकी लेखनी की विविधता का अनुभव कर सकते हैं, और समाज में व्याप्त असमानताओं एवं विकृतियों को पहचान सकते हैं। पुस्तक में संकलित 31 कहानियाँ हमें केवल एक लेखक की दृष्टि से परिचित नहीं करातीं, बल्कि वे एक समाज सुधारक की भूमिका को भी स्थापित करती हैं। प्रेमचंद की रचनाएँ आज भी प्रासंगिक हैं, क्योंकि उन्होंने जिस सामाजिक संघर्ष को अपनी कहानियों में व्यक्त किया, वह आज
- Format: Pocket/Paperback
- ISBN: 9789367935477
- Språk: Hindi
- Antal sidor: 290
- Utgivningsdatum: 2025-01-23
- Förlag: Prabhakar Prakashan Private Limited