bokomslag Ramvilas Sharma Ka Mahattva
Vetenskap & teknik

Ramvilas Sharma Ka Mahattva

Ravibhushan

Inbunden

599:-

Funktionen begränsas av dina webbläsarinställningar (t.ex. privat läge).

Uppskattad leveranstid 7-11 arbetsdagar

Fri frakt för medlemmar vid köp för minst 249:-

  • 288 sidor
  • 2018
रामविलास शर्मा उन भारतीय लेखकों, विचारकों, बुद्धिजीवियों और माक्र्सवादी चिंतकों में अग्रणी हैं जिन्होंने अपने समय में लेखन के ज़रिये निरंतर और सार्थक हस्तक्षेप किया है। अपने समय और समाज की समस्याओं पर विचार किया है और उनके निदान भी सुझाए हैं।अपने पहले लेख 'निराला जी की कविता' में उन्होंने लिखा था, 'निराला जी की कविता नये युग की आँखों से यौवन को देखती हैं।' उन्होंने सदैव नये युग की आँखों को महत्त्व दिया। आज जब बहुत सारे युवाओं ने हथियार डाल दिए हैं, और लेखक-आलोचक उत्तर-आधुनिकता और उत्तर-संरचनावाद जैसी बहसों में लिप्त हैं, हमें रामविलास जी की अडिगता, अविचलता और माक्र्सवादी दर्शन में अटूट आस्था तथा जन-संघर्षों में विश्वास को याद करने की ज़रूरत है।रामविलास शर्मा भारतेंदु
  • Författare: Ravibhushan
  • Format: Inbunden
  • ISBN: 9789387462427
  • Språk: Engelska
  • Antal sidor: 288
  • Utgivningsdatum: 2018-01-01
  • Förlag: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd