bokomslag भारत में साम्प्रदायिकता की
Historia

भारत में साम्प्रदायिकता की

Mohanlal Gupta

Inbunden

779:-

Funktionen begränsas av dina webbläsarinställningar (t.ex. privat läge).

Uppskattad leveranstid 7-11 arbetsdagar

Fri frakt för medlemmar vid köp för minst 249:-

  • 418 sidor
  • 2022

साम्प्रदायिकता की समस्या युगों-युगों से धरती पर विद्यमान है जिसके चलते हर युग में मनुष्य अपने प्राण गंवाते हैं। भारत में तीन तरह के धर्म हैं- एक तो वे जिनका उद्भव भारत की धरती पर हुआ, यथा- हिन्दू, बौद्ध, जैन एवं सिक्ख, दूसरे वे जो मध्यएशिया से भारत में आए, यथा पारसी एवं इस्लाम तथा तीसरे वे जो यूरोप से भारत में आए, यथा ईसाई एवं यहूदी आदि। साम्प्रदायिकता से आशय दो सम्प्रदायों की दार्शनिक अवधारणों के वैचारिक अन्तर्द्वंद्व से होता है किंतु भारत में इसका संकुचित अर्थ राजनीतिक सत्ता एवं आर्थिक संसाधानों पर अधिकार जमाने के लिए हिन्दुओं, सिक्खों मुस्लिमों और ईसाइयों के बीच होने वाले अन्तर्द्वन्द्वों एवं संघर्षों से है। कुछ लोगों ने भारत में बहु-सम्प्रदायों की उपस्थिति को गंगा-जमुनी

  • Författare: Mohanlal Gupta
  • Format: Inbunden
  • ISBN: 9788195229635
  • Språk: Engelska
  • Antal sidor: 418
  • Utgivningsdatum: 2022-03-15
  • Förlag: Shubhada Prakashan Jodhpur