bokomslag Ahinsa Ki Sanskriti
Skönlitteratur

Ahinsa Ki Sanskriti

Nandkishore Acharya

Inbunden

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  • 132 sidor
  • 2018
'हम भयावह रूप से हिंसक समय में रह रहे हैं। हिंसा, हत्या, आतंक, मारपीट, असहिष्णुता, घृणा आदि, भीषण दुर्भाग्य से, एक नयी नागरिक शैली ही बन गये हैं। असहमति की जगह समाज और सार्वजनिक संवाद में तेज़ी से सिकुड़ रही है। इस वर्ष हमारे युग में अहिंसा के सबसे बड़े सार्वजनिक प्रयोक्ता महात्मा गाँधी का १५०वाँ वर्ष जल्दी ही शुरू होने जा रहा है। रज़ा निजी रूप से गाँधी जी से बहुत प्रभावित थे। रज़ा पुस्तक माला के अन्तर्गत हम गाँधी-दृष्टि, जीवन और विचार से सम्बन्धित सामग्री नियमित रूप से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नन्दकिशोर आचार्य ने एक बौद्धिक के रूप में अहिंसा पर लम्बे अरसे से बहुत महत्त्वपूर्ण काम किया है। एक ऐसे दौर में जब भारत में क्षुद्र वीरता और नीच हिंसा को अहिंसा से बेहतर बताया जा रहा
  • Författare: Nandkishore Acharya
  • Format: Inbunden
  • ISBN: 9789388183758
  • Språk: Engelska
  • Antal sidor: 132
  • Utgivningsdatum: 2018-12-01
  • Förlag: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd